Friday, 1 March 2024

अब तुम्हे भूला देना ही बेहतर है

 अब तुम्हे भूला देना ही बेहतर है,

तुम्हारी यादों की लहरों से जब-जब मन बेचैन हो उठा, यकीन मानो कीमत आँखों ने चुकाई है। तुम्हें याद करके दिल बैठ सा जाता था, जब भी गुज़रे हुए लम्हें याद आते थे। पर आज जब बैठ कर सोचा, मैंने सब क्या वो प्यार था, मेरी तरफ से तो था पर शायद तुम्हारी तरफ से ये रिश्ता इतना खास न था। खुद को समझाया मैंने बहुत, यकीन मानो ये आसान नहीं था। पर अब सोचती हूँ, सब तो लगता है तुम्हें भूला देना ही बेहतर है। मुश्किल कितनी भी क्यों न हो, अब मैं तुम्हें भूल ही जाऊँगी, अगर मिले कभी रास्ते में तो तुम्हें अनदेखा करके भी गुज़र जाऊँगी। माना ये आसान नहीं है लेकिन तुमसे प्यार करना भी कहाँ आसान था, पर तुमने भरोसा दिलाया मुझे की प्यार तुम्हें है और न जाने क्यों मेरा मन भी तुमसे दूर न हो पाया, तुमसे जो भी कहा बस मुझे वो सब अच्छा ही लगा।
आज भी तुमसे कोई शिकायत नहीं है और नफरत तो मैं तुमसे कभी कर ही नहीं सकती पर तुमसे प्यार करना मेरे लिए गलत ही है जो तकलीफ मुझे महसूस हुई उसका इज़हार जरा मुश्किल है इसलिए खुद से एक बार और मैं कहती हूँ की अब तुम्हे भूला देना ही बेहतर है.
-Ojasweeta

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