रास्ते कितने भी ख़ूबसूरत क्यों न हो,
सुकून तो मंज़िल तक पहुँच कर ही आता है।
बादल से कोई बूंद जब धरती पर गिरता है,
तो ही धरती खिलखिला पाती है।
मानो सफर की हर एक राह ने,
कुछ खास किस्से सुनाए थे।
मिलने वाले ने मुस्कुराते हुए,
चेहरे पर खुशियों के रंग सजाए थे।
पर वो सुकून, जो मंज़िल पर पहुँच कर मिला,
वो कहीं और मिलना मुश्किल था।
ऐसा सुकून, कि अब बस यहीं रहना है,
इससे आगे अब कहीं नहीं जाना है।
जिंदगी के सफर से जब तुम थक जाओगे,
ढूँढोगे एक किनारा, जहाँ से अब कहीं नहीं जाना।
जैसे दिन के सफर से थक कर,
सुकून की नींद तो वो रात ही लाती है।
इस दुनिया में बहुत से चेहरे हैं,
बेहतर से बेहतरीन।
बहुत सी बातें हैं,
अच्छी से और भी अच्छी।
तो आओ चलें वहाँ,
जहाँ न बेहतरीन की तलाश हो,
न जो मिला उससे शिकायत हो।
जहाँ जो है अपना,
वही सबसे नायाब लगे,
हीरा नहीं, कोहिनूर लगे।
-Ojasweeta
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