Friday, 11 October 2024

एक सवाल खुद से?

 इंतज़ार कर रहे हो जिसका तुम,

उसके आने पर उसके नहीं हो पाओगे, तो किसकी इंतज़ार में रातें बिताओगे?

जहां जाना था तुम्हें, वहां जाकर भी सुकून न मिला, तो फिर बताओ कहां जाओगे?

अर्शा ज़िंदगी की गुज़ार दी, जहां पहुँचने के लिए तुमने,

वहां जाकर भी खुशी न मिलेगी, तो फिर खुश हो पाओगे क्या तुम?


जिनकी आँखों में देखकर साँसे थम जाया करती थीं तुम्हारी,

उनसे आँखे मिलने पर आँखे जब मोड़ लो तुम,

ये मंजर भी आ जाए, तो क्या फिर किसी से आँखे मिला पाओगे  तुम?

अपनेपन का रिश्ता है जिससे तुम्हारा,

तुम्हारा दिल उसे अपना न सके,

और किसी गैर की एक नज़र पर तुम्हारा दिल बेचैन हो जाए,

तो फिर बोलो खुद को संभाल पाओगे क्या तुम?

अंजान होकर किसी की चाहत से,

नज़रअंदाज़ कर रहे हो जिसे तुम,

उसके खो जाने पर जब उसे ढूंढते हुए आओगे,

और फिर उसके दीदार को तरस जाओगे,

तब क्या खुद को माफ़ कर पाओगे क्या तुम?


ज़िंदगी समझे रहे थे जिसे,

वो तुम्हारी ही वजूद पर सवाल उठा जाए,

तो जवाब दे पाओगे क्या तुम?

जिस सपने के मिलने पर सुकून में डूब जाओगे, ऐसा सोचा था,

मगर उसके मिलने पर तुम्हारी तृष्णा बढ़ जाए,

तो बोलो ये प्यास मिटा पाओगे क्या तुम?

-Ojasweeta Sinha 

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