तो कोई क्या करे
ज़िन्दगी जब अधूरी लगे
कोई बात न जब पूरी लगे
कोई बात न जब पूरी लगे
जीने के लिए साँस ना जरुरी लगे
तो कोई क्या करे।
गलती जब गुनाह हो जाए
अपने जब बेगाने हो जाए
भीड़ में पहचान खो जाए
अपनों में यह नाम खो जाए
तो कोई क्या करे।
दर्द जब अलफाज बन जाए
दिल की आह आवाज बन 'जाए
मजाक में खुद का मजाक बन जाए
तो कोई क्या करे।
सुनने को आवाज ना मिले
दर्द जब अलफाज बन जाए
दिल की आह आवाज बन 'जाए
मजाक में खुद का मजाक बन जाए
तो कोई क्या करे।
सुनने को आवाज ना मिले
कहने को अलफाज ना मिले
हर सवाल का जवाब ना मिले
तो कोई क्या करे।
आदत जब जरुरत बन जाए
बातों में बात बन जाए
मंजिल से पहले रास्ते खो जाए
तो कोई क्या करे।
कहने को कोई अपना ना मिले
देखने को कोई सपना ना मिले
जीने की कोई वजह ना मिले
तो कोई क्या करे।
बातों में बात बन जाए
मंजिल से पहले रास्ते खो जाए
तो कोई क्या करे।
कहने को कोई अपना ना मिले
देखने को कोई सपना ना मिले
जीने की कोई वजह ना मिले
तो कोई क्या करे।
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